आज मेथोडिस्ट चर्च डबुआ 250 से अधिक लोगों का बाद परिवार है, लेकिन 42 साल पहले 11 मई 1981 तक फरीदाबाद में मेथोडिस्ट का कोई चर्च नहीं था। हम सभी लोग CNI चर्च जय करते थे,, क्यूंकी वहाँ की आराधना सभा का तरीका मेथोडिस्ट से मिलता जुलता थाI परंतु वहाँ पर कोई स्थाई सदस्यता नहीं थी।

फरीदाबाद में सबसे पहले Rev. Jaganath Masih, 1968 में आये, लगभग उन्हीं दिनों Mr. S.K Samson और Mr. Harun Masih आयेI 1970 में श्री लाल मोती, 1971 में श्री अरुण कुमार और फिर श्री सी. डी. मसीह, श्री फ़्रेंकलिन मसीह, Mr. Kamta Prasad आये, हम सब Escorts Plant 2nd में service करते थेI Mr. Franklin Masih Metal Box में service करते थेI उसके बाद Mr. Surender Kumar 1st आये I हम सभी Nav Technical Institute, Shahajahanpur U.P. से आये थेI इसलिए हम एक दूसरे को अच्छी तरह से जानते थेI 1973 में हम लोगों ने कलिसिया उत्थान समिति बनाई जिसके President Mr. J. K Lochan, Secretary Mr. Dhiraj Kumar थेI (जो बाहि िहते थे) अक्सर हम लोग चर्च के बारे में बात करते थे की हमारे पास अपना चर्च नहीं है हम िोग दद्िी जा कि बिशप J.R Lance से मिले। उन्होंने हमें रिटायर्ड पादरी युसूफ सिंह के पास भेजा जो की उर्दू भाषा के अच्छे जानकार थे I उन्होंने यहाँ पर visit किया और पहली बार 11 मई 1981 को भाई C.D Masih और भाई Franklin के घर पे आराधना सभा हुईI उस समय इतने मकान नहीं थेI इस किीलसया और चर्च की शुरुआत व स्थापना में लोचन जी व उनके परिवार का भी बड़ा योगदान रहा हैI और इस तरह डबुआ मेथोडिस्ट चर्च की स्थापना हुईI
हमारे लिए गाजीपुर ज़मीन खरीदी गई और उस ज़मीन को बेच कर डबुआ में चर्च के लिए 1000 ग़ज़ ज़मीन खरीदी गईI हमारे पास फण्ड नहीं थाI हम खुद ही अपने पैसों से भाग दौड़ किते थेI इस में हम सभी लोगों का सहयोग हैI इस चर्च को
बनाने में 4 साि िगे1st जुिाई 1989 को नीव राखी गई। 12 December 1993 को चर्च भवन बन कर तैयार हुआ। 12 साि तक हम दकिाये पि चर्च चिाते िहेI Parsonage / Pastor House बनाने में 2 साि िगे, 4 September 1994 को फाउिंडेशन िखा गया, 21 January 1996 को complete हुआI 15 साि तक हमािे पास Pastor House नहीं थाI हमािे पास्टि किराये के मकान में रहते थेI हमारे चर्च को सुंदर बनाने में हमारे आदिणीय पासबानो का भी बड़ा हाथ रहा हैI हम उन सभी पासबानो का दिल से धन्यवाद करते हैंI थोड़ा सा हम उनके बािे में भी बात किेंगेI Rev. Hanry Sunray और Rev. B.P Singh भी कभी-कभी
हमारे बीच में होते थेI